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Some extinct animals and Birds (Do Tasmanian tigers still exist?)

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  Woolly Mammoth Scientific name = Mammoth primigenius Family =  elephant  Cause of extinction = Humans Hunted mammoth for their meat , bone and skin.  Tasmanian Tiger  Scientific name = Thylacinus   cynocephalus Family = Thylacinidae Cause of extinction = It extinct by European settlers erosion of its habitat.  Dodo       Scientific name = Raphus cucullatus  Family = Bird  Cause of extinction  = The main reason of its extinction is human involvement .  

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  1  दुनिया में 11 प्रतिशत लोग बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं।  2 भालू के 42 दांत होते हैं।     3   आपको जानकर हैरानी होगी की भारत के महाराष्ट्र राज्य का राजकीय पक्षी हरियल एक ऐसा पक्षी है, जो अपना पैर कभी धरती पर नहीं रखता है. इन पक्षियों को ऊंचे-ऊंचे पेड़ वाले जंगल पसंद हैं. यह अक्सर अपना घोंसला पीपल और बरगद के पेड़ पर बनाते हैं. अधिकतर हरियल पक्षी झुंड में ही पाये जाते हैं.    4  द ग्रेट बैरियर रीफ धरती पर सबसे बड़ी जीवित संरचना है, जिसकी लम्बाई 2000 किलोमीटर से भी अधिक है।    5 भारत, दुनिया की सबसे प्राचीन और विकसित सभ्यताओ वाला देश है.   6 Scientist' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1883 में किया गया था।   7  क्या आपको पता है? झींगा मछली ( लॉबस्टर ) अपने चेहरे से मूत्र करता है। केजीएफ चैप्टर 2की कलेक्शन बॉलीवुड हुई है हैरान नामुमकिन को मुमकिन कर दिया |यह क्या बवाल कर दिया |

मकड़ी अपने जाल में खुद क्यों नहीं चिपकती

  मकड़ी अपने शिकार को फंसाने के लिए जाल बुनती है। छोटे-छोटे कीड़े इस जाल में आसानी से फंस जाते हैं। इन कीड़ों का जाल से निकलना काफी मुश्किल होता है। लेकिन आपने कभी गौर से देखा होगा तो पाया होगा कि मकड़ी खुद उस जाल में एक-जगह से दूसरे जगह आसानी से घूम लेती है। क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है? मकड़ी का पूरा जाल चिपकने वाले नहीं होता है। वह इसका कुछ ही हिस्सा चिपचिपा बुनती है। वहीं, इसके अलावा वैसा हिस्सा जहां मकड़ी खुद आराम से रहती है, वह बिना चिपचिपे पदार्थ के बनाया जाता है। इसलिए वह आसानी से इसमें घूम लेती है। वैसे अपने ही जाल में फंसने से बचने के लिए मकड़ी एक और तरकीब निकालती है। वह रोजाना अपने पैर काफी अच्छे से साफ करती है ताकि इन पर लगी धूल और दूसरे कण निकल जाएं। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मकड़ी का पैर तैलीय होता है इसलिए वह जाल में नहीं फंसती और इसमें घूमती रहती है। लेकिन सच यह है कि मकड़ियों के पास ऑयल ग्लैंड्स (ग्रंथियां) नहीं होते हैं। वहीं कुछ वैज्ञानिक इसकी वजह मकड़ी की टांगों पर मौजूद बालों को मानते हैं जिन पर जाले की चिपचिपाहट का कोई असर नहीं होता है।